यह गीत भक्ति, कृतज्ञता, और मातृशक्ति के प्रति अटूट श्रद्धा का भावनात्मक संगम है यह भक्त और देवी के बीच के आत्मिक संवाद को रूप देता है जहाँ माँ सर्जक संरक्षक और शिक्षक तीनों रूपों में प्रकट होती है। भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी, Toone Mujhe Banaaya Saanche Mein Apni Too Hai Meree Jindagaanee, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
#Toone Mujhe Banaaya Saanche Mein Apni Too Hai Meree Jindagaanee
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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तेरी दुआ है मुझपे करुणा की तू ममता की है भगवानी
तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
तेरी कोई अन्त नहीं है दर्शन को मै आया
दिल में रखकर श्रद्धा उमंग को हलवा पूरी लाया
प्यार स्नेह की सागर तुम हो तुम्ही गौरी सीता
प्रीत में प्रेम का आदर तुम हो तुम्ही शंकर गीता
सत्य सनातन अनुकम्पा हो धरती धीर की देवी
मन की मन में याद हो मईया तुम्हीं दुर्गा देवी
कोमल कोमल हृदय तुम्हारी प्रीत अमृत की गांव है
स्वाहा स्वाधा गंगा जमुना तुम्हीं गणेश की माँ है
तेरी दुआ है मुझपे करुणा की तू ममता की है भवानी
तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
हर्ष से प्रेरित होकर जब तुम कष्टों में आती हो माँ
घर भंडार स्थान सजाती दिल में घर बनाती माँ
नई जीवन की राह दिखाती दिल में हर्ष उमंग जगाताती
असीम सन्तोष के पथपे लाकर जीवन को सब योग बनाती
बार बार जो तुझे पुकारे उसके हृदय में रहती हो
स्वर्ग लोक से आकर मैया सुन्दर जीवन बनाती हो
रिक्त स्थानो को तुम भरती पल पल साथ में चलती हो
लगना जाएं ठोकर कही पे इतना ध्यान तुम रखती हो
रूप स्वरूप तेरी सब दुनियां तुम्हीं लक्ष्मी देवी हो
काली की अवतार हो तुम तुम्ही चामुण्डा देवी हो
तेरी दुआ है मुझपे करुणा की तू ममता की है भवानी
तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
उज्ज्वल की रोशनी को माँ तुम भर देती हो तन मन में
शौक जीवन के साज पे आकर रंग देती हो रन बन में
फुल बिछाकर आंगन में मैं तेरी आस लगाया हूँ
घर आए इक रोज मेरी तू यही सन्देश पेठाया हूँ
बॉस की बांसुरी बाज रही थी दरिया पर्वत ताक रही थी
गीत अमर की गाती हवाएं कलियां सब नाच रही थी
आजा मेरे घर को तू जीवन के सब लय में तू
फूंक दे आकर मेरे कान में तूही माता तूही जगजननी तू
मेरे जीवन की रेस अजब है पत्थर कंकड़ सब सजग है
चुभ जाते मेरे पैरों में सब दर्द जी का आह अजब है
तेरी दुआ है मुझपे करुणा की तू ममता की है भवानी
तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
करके तेरी दर्शन मैं अब अमर स्पर्श पे पहुंचूंगा
जहां मिले मुझे हर्ष अपार उस चोटी पे लहरूंगा
अमर शक्ति की वर दे तू माँ जीवन ज्योति जला दे
गंगा की निर्मल धार की जैसी सागर में मिला दे
होता नित्य नया अवतार तेरी देखूं मैं रोज आत्मा में
तेरी लघु स्वरूपों को मैं देखू जीवन जीवात्मा में
देदो अन्नत उपहार मुझे तुम अपनी हृदय की वाणी से
सारी दुनिया का सैर करूं तेरी वर की कहानी से
तू ममता की सागर है तू ममता की माता
मैं तेरा हूँ छोटा परिंदा तू है मेरी है माता
तेरी दुआ है मुझपे करुणा की तू ममता की है भवानी
तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
गीत =} #तूने मुझे बनाई सांचे में अपनी तू है मेरी जिंदगानी
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