रचना की आत्मा भक्तिरस के साथ साथ जीवन के आचरण का सन्देश के साथ भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते, Sewa Sadhana Snyam Se Apna Khet Sinchate, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत=} #सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
#Sewa Sadhana Snyam Se Apna Khet Sinchate
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Hriday_Meri_Maa❤️
तन मन तप का वो क्षेत्र जहाँ राजा राम बसते
सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
दिल के दरवाजे पर मैं उनको बैठाया
यादों की रहमत में मैं मूर्ति सजाया
रखा दिल के पास मैने हृदय से लगाकर
आए थे वो श्याम बनके बांसुरी बजाकर
हार जीत की ज्ञान कैसा कैसी है आनन्द
कोई हंसता रात में तो कोई रोता दिन
तन मन तप का वो क्षेत्र जहाँ राजा राम बसते
सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
साधना संयम से मन में बढ़ती जाती हलचल
जागते है सत्यभाव जब भाग जाते दुर्गुण
शुद्धता सन्तुलन ज्ञान जब प्रकाश को फैलाती
घटते है दुर्भाव मन से शान्ति दौड़ आती
नम्र विनम्र सब उत्साह को जगाता
उड़ाता का प्रेम सेवा भाव को बुलाता
आत्मा के आंतरिक सत्य को खोजता है दिल
दौड़ता है इधर उधर मांगता है विवेक का वो दिन
तन मन तप का वो क्षेत्र जहाँ राजा राम बसते
सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
रामजी के जलवे सारे दिखते है घर घर में
दिखता है नाम उनका यादों के सफर में
ख्वाबों में सजाकर राम को ख्यालों में है लाते
फूलों की डाली से हम उनको सजाते
सांसों में आते है वो ख्वाबों में आते
आराधना की महको हमको बताते
प्रेम के सागर है भगवन प्रेम की पुजारी
सबको रखते छांव में अपनी दिल के दुआरी
तन मन तप का वो क्षेत्र जहाँ राजा राम बसते
सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
गीत=} #सेवा साधना संयम से अपना खेत सींचते
#Sewa Sadhana Snyam Se Apna Khet Sinchate
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