आध्यात्मिक चिंतन और सामाजिक समरसता की भावना को दर्शानेवाली भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, मन और काया का चरित्र ना समझ में आता, Man Aur Kaya Ka Cheritar Na Samajh Men Ata, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #मन और काया का चरित्र ना समझ में आता
#Man Aur Kaya Ka Cheritar Na Samajh Men Ata
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
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मन और काया का चरित्र ना समझ में आता भगवन
चाहूँ मेल और मिलाप एक साथ भगवन
मेलजोल दर्शाकर येतो जिन्दगी दिखता है
एकता के धागा से समाज को जगाता है
भाई को भाई समझे जिन्दगी को जीवन
मिट जाए काली छाया देखकर भ्राताओ का बन्धन
बाधित करने वाले को मैं आग में जलादूं
सागर के जल बीच मैं उसको डूबा दूं
मन और काया का चरित्र ना समझ में आता भगवन
चाहूँ मेल और मिलाप एक साथ भगवन
माया का अवस्था मन को शान्ति ना देने दे
बीत गया जीवन जिसका उसको ना जीने दे
नाश करूं इसको भगवन इसके असर को
चरणों को सौप दो मुझको पूजू मैं सफर को
जीवन के अंधेरों में तुम रौशनी फैला दो
खोल दो वो रस्ते सारी ज्ञान को पेठा दो
बन्द है दरवाजे ज्ञान की खोल नहीं पाता लोग
घुट घुट कर जिता है तोड़ नहीं पाता लोग
मन और काया का चरित्र ना समझ में आता भगवन
चाहूँ मेल और मिलाप एक साथ भगवन
जहां जाऊं वहां मैं एक आसन आसीन देखूं
आती है लज्जा मुझको देखकर जब सोचूं
जिन्दगी की छाया का अस्तित्व बड़ा अजीबे
रहन सहन रूप रेखा इसको ना समझे
मैं देख ना पाऊं इसको आंखे भर जाती है
जीवन की आनन्द ऐसी सबको लुभाती है
बाधाओं की धागा में ये सबको पिरोया
किसी को तड़पाया तो ये किसी को भिंगोया
मन और काया का चरित्र ना समझ में आता भगवन
चाहूँ मेल और मिलाप एक साथ भगवन
गीत =} #मन और काया का चरित्र ना समझ में आता
#Man Aur Kaya Ka Cheritar Na Samajh Men Ata
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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