संसार की भटकन और झूठे आवरण तथा नाम दौलत के पीछे भागती भीड़ का आत्मदर्शी भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, खोला है लोग विकल का कारगार भगवन, Khola Hai Log Vikal Ka Karagar Bhagawan, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
#Khola Hai Log Vikal Ka Karagar Bhagawan
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
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हे भगवन इस विकल कारागार से अब दुनिया को मुक्त करो
जोड़ डालो आत्मा को सत्य से परमात्मा का हाथ जोड़ो
की अपने अपने नामो से की अपने अपने नामो से
खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
निदिया आवे नाही मुझको जब मैं देखू वो बहार भगवन
सब कुछ भुलाकर हमने आसमा को देखा जब
तारे टिम टिमटिमाते थे उनको निरेखा तब
रातों दिन व्यापार में लोग भूल गए नीति
नाम को कमाया खूब दौलत को जीती
की अपने अपने नामो से की अपने अपने नामो से
खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
निदिया आवे नाही मुझको जब मैं देखू वो बहार भगवन
मैं को बढ़ाया लोग हमने को सजाया
धरती से आकाश तक दुनियां को दिखाया
सत्य को भी ढाक दिया झूठ के अफवाहों से
उड़ता है धूल जैसे रात के हवाओं में
कितना अच्छा है ये चांद का जमाना
तपता है सूरज रोज रोशनी के मारा
की अपने अपने नामो से की अपने अपने नामो से
खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
निदिया आवे नाही मुझको जब मैं देखू वो बहार भगवन
धूल पर धुली को रखकर नाम को कमाते है
ऊंची ऊंची ख्वाबों में रो जिन्दगी दिखाते है
आत्मा की दृष्टि को जब देखा हमने तौल के
सत्ता के सौंख में बिछड़ गए सत्य से
यत्न प्रयत्न से मिथ्या को संवारे
दूर हुए आत्मा से परमात्मा के प्यारे
की अपने अपने नामो से की अपने अपने नामो से
खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
निदिया आवे नाही मुझको जब मैं देखू वो बहार भगवन
गीत =} #खोला है लोग विकल का कारगार भगवन
#Khola Hai Log Vikal Ka Karagar Bhagawan
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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