बुरी चीजों में सबसे खराब बुरी चीज
बच्चों से आदान प्रदान करना मुश्किल लगता है कारण यह है कि बच्चों के सोच विचार न तो सीमित है न ही वयस्कों से कम क्योंकि बच्चे भावनाओं के साथ सोचते है न कि बुद्धि के साथ सोचते इसीलिए बच्चों से आदान प्रदान करना मुश्किल लगता है!
जो बच्चे हर बात को पहले महसूस करते है वो बच्चे बुद्धि से अधिक भावनाओं से सोचते है और समझने से पहले ही अनुभव कर लेते है इसी कारण से बच्चों के साथ आदान प्रदान करना बड़ी कठिन हो जाता है।
बुरी चीजों में सबसे खराब बुरी चीज एक बच्चे को अपने माँ बाप और अध्याप का डर बच्चों का विश्वास ही बच्चों का प्यार है डर नहीं बच्चे को अनुशासन सीखन जरूरी है किन्तु डर से नहीं बल्कि प्रेम समझ और विश्वास से!
बच्चों के जीवन का पहला मार्गदर्शक मातापिता और शिक्षक होते है और बच्चे अपने मन की बातें उत्सुकता भाव विचार एहसास संवेग सब मातापिता और शिक्षक से खुलकर साझा करते है यदि बच्चे माता पिता शिक्षक से डरने लगे तो अपनी भावनाएं जिज्ञासाएं खुलकर साझा नहीं कर सकते और जब खुलकर साझा नहीं कर सकेंगे तो बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर होगा और बच्चे का व्यक्तिव विकास बाधित होता जाएगा !
डर का भाव बच्चों के मन में संकोच असुरक्षा और हीनता को जन्म देता है और जब बच्चे असुरक्षित महसूस करते है तो अपनी बातें खुलकर नहीं कह पाते और धीरे धीरे उनकी आत्मविश्वास टूटने लगता है और वो अपनी ही गलतियों से नहीं सिख पाते क्योंकि माता पिता और शिक्षक का विश्वास बच्चे को खुलकर सीखने सवाल करने और स्वीकार करने के साथ साथ आत्मनिर्भर बनाता है।
बच्चों में आत्मबल की बुलंदियों को बढ़ाने के लिए बच्चों को खुलकर सोचने और बोलने की स्वतंत्रता बहुत आवश्यक है क्योंकि बच्चों का परिवेश और शिक्षा का आधार भय नहीं बल्कि विश्वास और संवाद है जो आत्मनिर्भरता और आत्मविश्वास नींव को प्रखर बनाती है!
अनुशासन के नाम पर डर का उपयोग बच्चों के भीतर आत्मग्लानि संकोच और चुप्पी को जन्म देती है जबकि सीखने की सच्ची खुशी रखने वाले बच्चों को खुलकर अपनी बातों को रखने के लिए स्वतंत्रता की अति आवश्यकता होती है!
अनुशासन का उद्देश्य बच्चों को दबाना नहीं बल्कि उभारना होता है और सच्ची शिक्षा का उद्देश्य है सवाल करना और सीखना तथा उचित अनुचित का बोध कराना!
अनुशासन का अर्थ कठोर नियंत्रण नहीं बल्कि एक ऐसी मार्गदर्शन है जो बच्चों में छिपी हुई प्रतिभा और आत्मबल का उजागर करता है अनुशासन बच्चे को डराता नहीं संवारता है उसी प्रकार सच्ची शिक्षा बच्चों में सोचने की क्षमता विकसित करता है और प्रश्न पूछने को प्रोत्साहित करता है।
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