नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को, Nity Prit Ko Pahanati Tum Mani Hira Har Ko, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत,
गीत =} #नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
#Nity Prit Ko Pahanati Tum Mani Hira Har Ko
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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भेष राजाका बनाकर माँ साजती हो बालक श्रीरामको
नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
हर्ष उल्लास खुशी के खेल को खिलाती
सबको आनंदित करती प्रीतम गीत गाती
कैसी तेरी प्रेम है माँ कैसी तरी दुनिया
तेरे हाथों बसता जीवन की हरमुनिया
ममता की आंचल में माँ सबको बसाती
दिल को नरम रखती दिल से बुलाती
पास जो भी आता तेरे खुश होकर जाता है
भर लेता दिल में खुशियां हंस हंस बताता है
भेष राजाका बनाकर माँ साजती हो बालक श्रीराम को
नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
वस्त्र आभूषण सब धुली में मिल जाता
कीचड़ में लेटाता तन को मन भींग जाता
फट जाते कपड़े सारे डर नहीं लगता
डांटती ना माँ तू कभी संग तेरे रहता
कितना दुलारे तू कितना पिलाती
गोद में सुलाकर तू प्यार से खिलाती
अखियों की तारा बोले दिल का तू टुकड़ा
तेरे बिन सुन आंगन तूही मेरी मुखड़ा
अन धन लुटाती माँ तू लोरिया गंवाती है
आंखों के सामने रखकर कितना सजाती है
भेष राजाका बनाकर माँ साजती हो बालक श्रीराम को
नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
भावना को रोक देती पैर ना बढ़ाने देती
आंचल में छुपाकर रखती बाहर नहीं जाने देती
ज्ञान दान देती माँ तू अपने जिगर से
विचारों को सजा देती प्रेम के डगर से
ऊंचा उठे आत्मा सन्मार्ग की ओर जाता
हिम्मत को बढ़ाकर माता जीवन से सब जोर देता
आत्मिक सुखों की जननी माँ तू तूही दुर्गा काली है
तूही खप्पर वाली माता तूही महाकाली है
कर्मों की डगर पे माता सबको चलाती तू
सुख शान्ति बल देती आंचल के सुलाती तू
भेष राजाका बनाकर माँ साजती हो बालक श्रीराम को
नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
गीत =} #नित्य प्रति को पहनाती तुम मणि हीरा हार को
#Nity Prit Ko Pahanati Tum Mani Hira Har Ko
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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