निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान, Ninda Dukh Apmano Kaa Mujhe Milta Hai Jitana Apman, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत,
गीत =} #निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
#Ninda Dukh Apmano Kaa Mujhe Milta Hai Jitana Apman
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
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निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
ठोकर धक्का का आघात मुझेमें भरना पाया है विषाद
मन मेरा मुझसे बोले बोले दिल निखर के
समझो भलाई इससे क्षति ना नवजात के
मिलता है धन दौलत धोखा भ्रष्टाचार से
जीवन को बर्बाद करदे अधर्म से विचार से
कैसा विचार लोगका कैसा ईमान है
करते अपमान लोगका लोग बेजुबान है
अपने मूल्य से दूसरे मूल्य का भांपते परीक्षा
द्वेषपूर्ण तुलना करते अवहेलना उनकी ईच्छा
निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
ठोकर धक्का का आघात मुझेमें भरना पाया है विषाद
धूलि के सागर में बैठ कर जपूं राम नाम को
देदे मुझे आसन भगवन सोने पर सुहाग को
दीनता को चाहूं मै सोचूं ना घमंड को
दुविधा को मिटा दे भगवन अपने अखंड से
निर्मल उज्जवल स्वच्छ कैसा प्रसाद है
भगवन का ध्यान सब जीवन बहार है
अच्छी बातें अच्छी विद्या आत्मा में भरते
सद्गुण की रहो पर जीवन को निखारते
सुख का सागर है भगवन सुख का समंदर
नाथ भोले नाथ सबके जीवन का भलंदर का अर्थ
निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
ठोकर धक्का का आघात मुझेमें भरना पाया है विषाद
मन के व्यंग को प्रभु बाहर में निकाल दे
सोचे जब बुराई उसको मंत्र से अपने काट दे
धारण ना करने देते व्यंग को वो शीश पे
चारों ओर घूमे वो तो धूम करके झूम के
बार बार बोले मुझे पास तेरे आऊंगा
छोडूंगा ना हाथ तेरा ठोकर में घुमाऊंगा
मैने बोला है उससे भगवन मेरे पास है
दिल में बसे है वो रहते साथ साथ है
लगेगा ना बुद्धि तेरा पास तू ना आयेगा
रामजी का नाम सुनकर दूर भाग जाएगा
निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
ठोकर धक्का का आघात मुझेमें भरना पाया है विषाद
गीत =} #निन्दा दुख अपमानों का मुझे मिलता है जितना अपमान
#Ninda Dukh Apmano Kaa Mujhe Milta Hai Jitana Apman
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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