भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, जीवन को सजाने खातिर अर्जी लगता हूँ, Jivan Ko Sajane Khatir Arji Lagata Hun, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #जीवन को सजाने खातिर अर्जी लगता हूँ
#Jivan Ko Sajane Khatir Arji Lagata Hun
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Hriday_Meri_Maa❤️🙏
कैसे करु मैं बयां अपने भाग्य की किनारा देवता
लिखा ग़ज़ल का किनारा शौक बड़ी था पुराना देवता
मेरी चाहतों की शौक को किस्मत ने मारी
बिन पानी डूबा जैसे पानीए ने जारी
जीवन का हिस्सा ये मर्जी में शामिल है
कैसा जज्बात गुरुवर कैफियत ने डाही है
कैद हुआ रूह में मैं लम्हों के आगोश में
खिदमत में पेस हुआ जिन्दगी की शौक में
समझ ना आता मुझको तुझे मैं बताता हूँ
जीवन को सजाने खातिर अर्जी लगता हूँ
कैसे करु मैं बयां अपने भाग्य की किनारा देवता
लिखा ग़ज़ल का किनारा शौक बड़ी था पुराना देवता
कैसे तफसील करु कैसे दबाऊ मै दबाओ को
ऊहापोह बयां ना करता बेहद जरूरी को
है मेरी इबादत तुमसे मुझको बताओं
कैसा है अनोखा मंजिल कुछ तो समझाओ
उपलब्धियों के हासिल में कार्य जो मैं करता हूँ
मिले ना सफलता मुझको दरबदर भटकता हूँ
बड़ी है विशेषता इसकी बहुते महत्व है
जीवन में लिबास के जैसा इसकी खबर है
करदे तू शिनाख्त मेरी अपनी दरबार में
पूजूं तेरे चरणों को मै जीवन के बहार में
कैसे करु मैं बयां अपने भाग्य की किनारा देवता
लिखा ग़ज़ल का किनारा शौक बड़ी था पुराना देवता
भरकर फनकार गुरुवर अपनी रूप दिखादे तू
अंश हूँ तुम्हारा मै गुण को बरसा दे तू
मेरी रचना को भगवन सलाखों पे सजादे
बिखरी पड़ी है इसको समेट कर जलादे
मेरे मनभूमि में टहले तेरी चरणों की आशिर्वाद
मैने कहानी सौंपा समझो ना विषाद
कैसी पटकथा है भगवन जांचकर बताना
मेरे ज़हन में आसान प्रेम का लगाना
मेरी विचार गुरुवर तेरी दुआओं का है फल
घूमे मन की चिंता में सोचे मेरा मन
कैसे करु मैं बयां अपने भाग्य की किनारा देवता
लिखा ग़ज़ल का किनारा शौक बड़ी था पुराना देवता
गीत =} #जीवन को सजाने खातिर अर्जी लगता हूँ
#Jivan Ko Sajane Khatir Arji Lagata Hun
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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