आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं, Aate Dar Pe Teri Koi Bulata Nahi, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
#Aate Dar Pe Teri Koi Bulata Nahi
Writer ✍️ #Halendra Prasad
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_हृदय_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Hriday _Meri_Maa❤️🙏
बिखरे बिखरे पड़े है लोग कोई मिलाता नहीं
आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
अच्छा लगता ना उनको अपनी दुकानदारी
दूसरे को देखकर उलझे है जीवन सारी
समय और स्थिति ऐसी कभी भी बदलती है
कर्मके अनुसार फल एकदिन सबको मिलती है
कौन शक्तिशाली यहां कौन बलवान है
कोई ना बलवान यहां समय पहलवान है
मौन का जो कीमत कोई ना चुका पाता
धीरे धीरे लुप्त होता कोई ना समझा पाता
बिखरे बिखरे पड़े है लोग कोई मिलाता नहीं
आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
पालके अभिमान लोग वक्तके समंदर समाए
डूब गई दुनियां उनकी जिसने घर बनाए
नफरतों की बोझ से ये धरती कांप रही है
ना जाने ये कब फटे सबको डाट रही है
हरि भरी मन को संभाले ना कोई
मोतियों की चक्कर में फंस गया कोई
कौन जीतता है यहां कौन हारता है
मन में भरम है जिसके वही लांघता है
हृदय का सुकून सब धीरे धीरे खोया
शब्दों का तीर जब अपनों पे चलाया
बिखरे बिखरे पड़े है लोग कोई मिलाता नहीं
आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
प्रेम बसता ना अब घर के दहलीजों पे
कौन करे कद्र अब एक दूजे की फिलो के
भेद भाव की बुद्धि से लोग रहते है घर में
भ्रम ने विभाजित किया जिंदगी के गम में
दिन की दुर्बलता आई मन को अकुलाई
टूट गया मोह माया विघ्न घर बनाई
थोड़े दिन का सुख है अपमानो का ये खुशियां
मिले ना सम्मान जो आनंद देदे सुखिया
जीवन का सुख सारा जीवन से मिलता
मिले ना व्यवहार जब तो दुख दर दर घिरता
बिखरे बिखरे पड़े है लोग कोई मिलाता नहीं
आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
गीत =} # आते दर पे तेरी कोई बुलाता नहीं
#Aate Dar Pe Teri Koi Bulata Nahi
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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