मनकों अकुलाता कभी कभी बहलाता है, Manko Akulata Kabhi Kabhi Bahalata Hai, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत,शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन
गीत =} #मनकों अकुलाता कभी कभी बहलाता है
#Manko Akulata Kabhi Kabhi Bahalata Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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गंध विधुर समीर में ढूंढे ढूंढे किस विजन में
क्षुब्ध हुआ है नीलांबर मुझको दिखे अम्बर में
व्याकुल परेशान हो कर तुझको सुनाता है
बैठी हो आसान पर तुम क्या तुमको ना सुहाता है
करुणा बरसाने वाली सबको हंसाने वाली
जगजा तू मन में मेरे सबको बचाने वाली
चारों दिशाओं का ये चिंता सताता है
मनकों अकुलाता कभी कभी बहलाता है
गंध विधुर समीर में ढूंढे ढूंढे किस विजन में
क्षुब्ध हुआ है नीलांबर मुझको दिखे अम्बर में
जानता ना मै किसी अनजाने राग को
घुल जाता मन मेरा संकुचन के विहार पर
गम गम गमके आम्र कली की सुगंधी रस भरे है
जाने ना मर्म उसकी रचना कैसे हुई है
अमृत सींचता कैसे गगन अब बताता है
आंखों में भरकर वो बूंद बूंद गिरता है
घूमता कहा है ये कौन सुख ढूंढता
छूने को चाहे जब वो विजन बन जाता
गंध विधुर समीर में ढूंढे ढूंढे किस विजन में
क्षुब्ध हुआ है नीलांबर मुझको दिखे अम्बर में
आज दिन आया ऐसा अजीब ग़जीब है
पुलकित मन में ये कैसा विजन है
मुदित हुआ दिल मेरा गंधविधुर समीर में
ढूढता गगन को देख के विजन के दिन में
तूही बता दे ऐसा आया कैसा दिन है
छोड़ा तेरे ऊपर मैने ज़िन्दगी फकीर है
जिन्दगी की साम तूही जिन्दगी की राही
तेरे ऊपर छोड़ा सबकुछ तूही है फ़ाही
गंध विधुर समीर में ढूंढे ढूंढे किस विजन में
क्षुब्ध हुआ है नीलांबर मुझको दिखे अम्बर में
गीत =} #मनकों अकुलाता कभी कभी बहलाता है
#Manko Akulata Kabhi Kabhi Bahalata Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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