भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया, Ghunghat Vodhi Ke Aaya Hai Shital Sang Vihar Maiya, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
#Ghunghat Vodhi Ke Aaya Hai Shital Sang Vihar Maiya
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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आया द्वार पे मेरे आज वसंत की बहार मईया
घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
खोली दो तुम आज मेरे हृदय के पलक को
भूल जाओ सब कुछ माता भुलो मत बेटा को
तेरे आंचल का अंचल मैं मां दिल का खेलवना
मीठी मीठी गीतों का गगन माता ये कैसा है उलहना
गन्ध की लहरे उठे दिल के विह्वल में
करदो मधुर माधुरी जिन्दगी को पल में
आया द्वार पे मेरे आज वसंत की बहार मईया
घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
पात पात पे शोभे माता तेरी ये पताका
वेदना में तड़पें आज मेरा दिल जो दुखता
दूर से देखा है मैने नभ में है तेरी रास्ता
कैसे आऊ तेरे पास कुछ ना सुझता
विकल व्याकुल दिल है तुझे देखने को
हृदय में जगी है लालसा तुझे पूजने को
मांगू ना कोई वस्तु तुम्से मांगू ना मै दौलत
दर दर भटकू मैं दिखता ना कोई मुहूर्त
आया द्वार पे मेरे आज वसंत की बहार मईया
घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
सौरभ से विहल की रजनी आंख को जगाता
किसके कारणों से माता रात भर जगाता
हे दुर्गा काली जगम्बा मां मुझको बताओ
ईच्छा कैसी प्राण धन है मुझको दिखाओ
कैसे समझाऊं इसको कैसे मनाऊं
समझ में आता ना मुझे कैसे समझाऊं
जीवन की तू धारा माता जीवन की विधाता
गिरा चरणों में दिल मेरा कैसे मैं उबारता
आया द्वार पे मेरे आज वसंत की बहार मईया
घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
गीत =} #घूंघट वोढ़ी के आया है शीतल संग विहार मईया
#Ghunghat Vodhi Ke Aaya Hai Shital Sang Vihar Maiya
Writer ✍️ #Halendra Prasad
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