बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता, Baje Vina Kaa Jhankar Man Ko Tar Tar Kar Deta, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत,
गीत =} #बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता #Baje Vina Kaa Jhankar Man Ko Tar Tar Kar Deta
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
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बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता
दुनियां सोया है गगन के अंधकार में दिलपे बार करदेता
निद्रा को मांग रहा बैठा हूं मैं त्याग कर
खोलकर जब देखा आंखे दिखे ना कोई यार कर
सुन सुन झंकार को मेरा प्राण भर गया है
व्याकुल करे स्वर मुझको गान लुट रहा है
कौन गा रहा है वेदना किसके विरह में
ज्ञात ना हो पाता मुझको आंसू के वो घर में
बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता
दुनियां सोया है गगन के अंधकार में दिलपे बार करदेता
किसके गले का उतरा अपनी कंठ की हार
बैठा किसके पास में जाकर किसका इंतजार
हाय हाय करता है वो रात भर जागे
नीद लागे कैसे उसको वो तो है अभागे
मुझको बतादे तू कैसी तेरी दुनिया थी
शान्त निशा में आया कैसी कली थी
वीणा तेरे हाथ में भोला दर्द तू सुनता हैं
गाता है गंभीर रागनी दिल भर आता है
बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता
दुनियां सोया है गगन के अंधकार में दिलपे बार करदेता
बातों बातों में तू जो सपने दिखाता है
जागकर देख तू दिल को अपने पवन गीत गाता है
लेकर उसकी खुशियां तू पूरा कर तिमिर को
स्थिर कर प्राणों को तू पागल कर ना धीर को
बीत जाए रजनी तेरी उसको तू अब याद कर
पाकर जो तुम पा ना सका उसको तुम तलाश कर
माला की स्पर्श उसकी बड़ा रे अजीब है
छाती से लगाई जिसको उसके घर में वीर है
बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता
दुनियां सोया है गगन के अंधकार में दिलपे बार करदेता
गीत =} #बाजे वीणा का झंकार मन को तार तार कर देता #Baje Vina Kaa Jhankar Man Ko Tar Tar Kar Deta
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