#घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है, Ghar Isaka Naa Malum Mujhako Ye Kaha Jata Hai, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत,
गीत =} #घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
#Ghar Isaka Naa Malum Mujhako Ye Kaha Jata Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️
सूरज पूरब से आकरके पश्चिम चला जाता है
घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
कहा इसकी घर है माता कहा काटे राते
सोता है की जगते रहता किस्से करता बाते
रोज रोज आता है खुशियां बरसाता है
हमको जगता सारी दुनिया को जगाता है
पुछु मैं तूझसे माता मुझको तू बता अब
किसको देती जल तू हमको सीखा दे अब
सूरज पूरब से आकरके पश्चिम चला जाता है
घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
सुधा सोम पियूष अमृत बादल से बरसे
किरणों की धार देखीके मन हमार तरसे
धीरे धीरे आता चांद रात जगमगाता है
रोज रोज तारों के बिचमे मुश्कता है
ऐसे टीम टिमता जैसे जुगुनू चमकते है
अखियों में बस के तो हमको बिराते है
आसमा में इन्द्र धनुष कितना सुंदर दिखता
रंग बिरंगी रंग में कितना है अच्छा लगता
सूरज पूरब से आकरके पश्चिम चला जाता है
घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
हमको दिलादो माता येसे ही धनुष को
बन जाऊ अर्जुन मैं कुन्ती के पुत्र जो
सार्थी होगे कृष्ण मेरा भाई जो युधिष्ठिर
धर्म की स्थापन करू देखो कर्म कीर्ति
रिमझिम रिमझिम बादल बरसे फसल लह लगाएंगे
दुनिया में खुशियां आयेंगी सुख लोग पाएंगे
मोर पपिहा सारे बोलेंगे मीठी बोली
कोयल की राग सूनी सबकी मन डोली
सूरज पूरब से आकरके पश्चिम चला जाता है
घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
गीत =} #घर इसका ना मालूम मुझको ये कहा जाता है
#Ghar Isaka Naa Malum Mujhako Ye Kaha Jata Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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