भक्ति भाव आराधना प्रार्थना भजन कीर्तन अर्चन गीत, भोभो कर मर जाते है वो कुछ ना समझते, BhoBho Kar Mar Jate Hai Vo Kuchh Naa Samjhate, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #भोभो कर मर जाते है वो कुछ ना समझते
#BhoBho Kar Mar Jate Hai Vo Kuchh Naa Samjhate
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️
अपने आत्म स्वरूप को हमने स्वयं को भुला ही दिया
कारण भरमका जब छाया हमने अपनेको लूटा ही दिया
भ्रम का उदाहरण कितना अच्छा लोग बताते है
दर्पण में अपने आपको देख देख चकराते है
जैसे देखो बंदर कुत्ता कैसे चिल्लाते है
शीशाके महल में अपने को देखकर घबराते है
खुद का स्वरूप देखी दूसरे को समझते
भोभो कर मर जाते है वो कुछ ना समझते
अपने आत्म स्वरूप को हमने स्वयं को भुला ही दिया
कारण भरमका जब छाया हमने अपनेको लूटा ही दिया
मृग का भी हाल देखो कितना विचलता
कस्तूरी के चक्कर में वो दर दर भटकता
भ्रम में वो पड़ कर अब इधर उधर सूंघता
जैसे कोई राजा स्वप्न में गरीब हो बिछड़ता
कितना दिखाऊं परतोख कितना बताऊं
पकड़ा जाता चोर पुलिस से कितना इखाउ
दुख में सब लोग होते दुख है अचंभा
सिंह जैसा छाया देखी कूद कर तड़पते
अपने आत्म स्वरूप को हमने स्वयं को भुला ही दिया
कारण भरमका जब छाया हमने अपनेको लूटा ही दिया
हाथीका भी बात का कहे समझ में कुछ आता ना
संगमरमर की शिला में वो अपनी परछाई को भूलता ना
बिल्ली भी कितनी सयानी अजब निराली है
मटका में देखी घी को मुड़ी डाल फस जाती है
बनी कर गुलाम बंदर द्वार द्वार घूमता
नाच नाच कर पैसा मांगता मदारी को समझता
मानव का यही हाल हुआ इस जग में
माया में बंधी नाचे पूड़ा जीवन पग पग में
अपने आत्म स्वरूप को हमने स्वयं को भुला ही दिया
कारण भरमका जब छाया हमने अपनेको लूटा ही दिया
गीत =} #भोभो कर मर जाते है वो कुछ ना समझते
#BhoBho Kar Mar Jate Hai Vo Kuchh Naa Samjhate
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें