भजन कीर्तन गीत मन को बहलाए जैसे करे प्रेम बदन से, Man Ko Bahalay Jaise Kare Prem Badan Se, Writer ✍️ #Halendra Prasad,
गीत =} #मन को बहलाए जैसे करे प्रेम बदन से
#Man Ko Bahalay Jaise Kare Prem Badan Se
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
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गिरता मेघ का जल धारा झर झर
तोड़ी के गगन को मईया जी
छाई धरती पे हरियाली हई वनके उपवन से मईयाजी
बहूते घबराया है वो कोई ना आधार है
मिला है वो भू पे आके सावन का बहार है
रुक रुक कर गिरता जैसे शाल वनको सिंचे वो
हर हर पवन चले ध्वनि भर के गिरे वो
इधर उधर गिरे कुछ गिरे तन पे
मन को बहलाए जैसे करे प्रेम बदन से
गिरता मेघ का जल धारा झर झर
तोड़ी के गगन को मईया जी
छाई धरती पे हरियाली हई वनके उपवन से मईयाजी
जटाको बिखेर के मेघ आज आया धरती पे
नाचता मतवाला मोर गीत गए भक्ति के
बरसे गुलाब रस मन को बड़ी भाता है
लोटता आंधी में उन्मन गीत खुशी गाता है
लहर दिखाकर उसने हृदय पे बिछाया भाव
गंगा के चरण को छुके प्रेम की बरसाती बात
कैसी ये बयार है माता दिल पे छा जाती है
खोली के दरवाजा चली घर में घुस जाती है
गिरता मेघ का जल धारा झर झर
तोड़ी के गगन को मईया जी
छाई धरती पे हरियाली हई वनके उपवन से मईयाजी
भादो की लहर को देखकर दिल मेरा बोले
पागल होके दिल मेरा मेघ का राज खोले
करती बवाल बारिश मनको उबाले अब
आज मेरे भीतर बाहर दिल को छाले जब
चमक चमक इंद्र सबको डराते है
कही जान लेते कही पेड़ पर दिखाते है
मन मेरा हर्षित था अब डरने लगा है
सुनके आवाज भगवन कपने लगा है
गिरता मेघ का जल धारा झर झर
तोड़ी के गगन को मईया जी
छाई धरती पे हरियाली हई वनके उपवन से मईयाजी
गीत =} #मन को बहलाए जैसे करे प्रेम बदन से
#Man Ko Bahalay Jaise Kare Prem Badan Se
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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