बुढ़ापे की काया बहुत दुख देता है, Budhape Kee Kaya Bahut Dukh Deta Hai, Writer ✍️ #Halendra Prasad, भक्ति शक्ति आराधना भजन कीर्तन गीत,
गीत =} #बुढ़ापे की काया बहुत दुख देता है
#Budhape Kee Kaya Bahut Dukh Deta Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️
की अब चलेगा ना जादा अहम और अकड़ भाईजी
टाले टलती ना अब हई मौत की घड़ी भाईजी
लूट कर ये दौलत तुम क्या अब करोगे
पाप की कमाई है ये कैसे तुम भरोगे
बात है अजीब जरा सोच कर तुम देखो
काम ना ये आए परछाई अपना अंधेरे में देखो
ज़वानी की दौलत बहुत खुश रखता जो
बुढ़ापे की काया बहुत दुख देता है
की अब चलेगा ना जादा अहम और अकड़ भाईजी
टाले टलती ना अब हई मौत की घड़ी भाईजी
सोचते हो तुम जो सच ना है वो अब
कमाया था जिसके लिए साथ ना है वो अब
वो माया थी माया साथ नही देती है
जिदगी है दरबदर पास नही होती है
खुद के लिए जो जीता उसका मरण होता
जीता है जो दूसरे खातिर उसका स्मरण होता
विधि का विधान है ये विधिए से चलता है
साथ कोई ना आता है ना साथ कोई चलता है
की अब चलेगा ना जादा अहम और अकड़ भाईजी
टाले टलती ना अब हई मौत की घड़ी भाईजी
टूटे हुए लोग तो कहते है खूब तौल के
पास ना घमंड होता ज्ञान होता अनुभव के
जीवन से नाराज होके क्या तुम करोगे
दर दर ठोकर खाओ हस कर चलोगे
जिन्दगी को जंग तूने खुद ही बनाया है
कदर करो उसकी जो आसानी से पाया है
बुरा बनके जीते हो तू कितनी बुराई में
तुम्हारा चरित्र डूबा बुराई के खाई में
की अब चलेगा ना जादा अहम और अकड़ भाईजी
टाले टलती ना अब हई मौत की घड़ी भाईजी
गीत =} #बुढ़ापे की काया बहुत दुख देता है
#Budhape Kee Kaya Bahut Dukh Deta Hai
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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