धन के विधान बनी शिव बनीके आओ, Dhan Ke Vidhan Bani Shiv Banike Aao, Writer ✍️ #Halendra Prasad, हिन्दी भक्ती श्रध्दा आराधना गीत,
कविता =} #धन के विधान बनी शिव बनीके आओ
#Dhan Ke Vidhan Bani Shiv Banike Aao
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️
नित नूतन बनके प्राणों में तुम आओ प्रभु
गंध वर्ण गानों से तुम पुलक में समाओ प्रभु
अंग अंग में आवो प्रभु रग रग में आओ
हर्ष दिल से आओ प्रभु पीयूष पुलक में छाओ
ध्यान में मगन है अंखियां मुग्ध तुम बनाओ
अलग अलग रूपों में तुम प्राण में समाओं
उज्जवल निर्मल बनके प्रभू सांसों में सामाओ
धन के विधान बनी शिव बनीके आओ
नित नूतन बनके प्राणों में तुम आओ प्रभु
गंध वर्ण गानों से तुम पुलक में समाओ प्रभु
लालसा लगाकर बैठा राही तेरे प्यार का
आओ स्नेहवान भगवन श्रद्धा से विचार मां
विधि विधान से भगवन ज्योति तुम जगा दो
जग जगमगाए जैसे मन जगमगा दो
सुख दुख में आओ प्रभु हृदय को जगाओ
कमल के आसन पर तुम धुईया जमाओ
शाश्वत कर्मो में बसजा जीवन को बनाओ
खोल दो तुम कर्म पाश हमको अपनाओ
नित नूतन बनके प्राणों में तुम आओ प्रभु
गंध वर्ण गानों से तुम पुलक में समाओ प्रभु
मानव जीवन के प्रभु कैसी कमज़ोरी है
बढ़ता अभिमान उसका तन की बलजोरी है
कहता फिरता बात अपनी अपनी सुनता है
मैने सब बनाया दौलत खेत भी ये मेरी है
स्वामी हूं मैं दौलत का चाहु जो मैं करु
रखू या लूटा दू इसको जैसा मैं चाहु
बढ़ता अहंकार देखकर दिल मोर बोला
कैसे मैं सुनाऊं आपको दिल देखकर रोया
नित नूतन बनके प्राणों में तुम आओ प्रभु
गंध वर्ण गानों से तुम पुलक में समाओ प्रभु
कविता =} #धन के विधान बनी शिव बनीके आओ
#Dhan Ke Vidhan Bani Shiv Banike Aao
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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