ब्रम्हा विष्णु शिव समाहित गंगा जी के अन्दर, Bramha Vishnu Shiv Samahit Gangaji Ke Andrer, Writer ✍️ #Halendra Prasad मां गंगा,
कविता =} #ब्रम्हा विष्णु शिव समाहित गंगा जी के अन्दर
#Bramha Vishnu Shiv Samahit Gangaji Ke Andrer
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
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ये हमारे धर्म शास्त्र तेरी बखान की गुणगान करते है
मां तेरी उत्पत्ति हुई दुनिया की कल्याणके लिए
तूही गंगा तूही जमुना हम तेरी चरणों को प्रणाम करते है
तेरी कथाओं को सुन कर मैं भी निर्मल हो गया
तू तो करुणा की सागर है मां मैं तेरी आंचल में सो गया
पुराणों की कथा से तन मन तृप्त हो जाता है
तू ही आत्मा परमात्मा है मां तेरी भक्ति में दिल लिप्त हो जाता है
हमने सुना है कहानी तेरी बड़ी मन भावन लगती है
प्रलाहद पुत्र बली ने त्रिलोक पाने को जिद ठानी है
लक्ष्य उद्देश्य बड़ी भारी था चिन्तन पर भविष्य की तैयारी था
आयोजन किया महायज्ञ का क्योंकि त्रिलोक पानेकी तैयारी था
दिशाओं के रक्षक इंद्र भी घबरा गए
दैत्यों से पराजित होकर डर में समा गए
परमात्मा प्रभु भगवन विष्णु ने अवतार लिया
वामन रूप धारण कर यज्ञ में समा गए
देख प्रभु को बली ने स्वागत और अभिवादन किया
सेवा के मूहर्त को देख प्रभु को अपना प्यार दिया
मत्स्य वराह कूर्म नरसिंह वामन परशुराम
याचना किए बली से प्रभु ने तीन पग धरती का स्वाभिमान
झूम खुशी में नाच उठा संकल्प का मिष्ठान
दिया बली ने वामन भगवन को वचनों का परिहार
भगवन भी खुश हुए आपने काम में फूल हुए
एक पग से धरती मापी दूजे में आसमान
खुश हुए ब्रम्हाजी पूजे चरण कमल की पाद्य
चरणकमल को धोकर प्रभु ने जल को लिया सहेज
भर कमंडल बाहर निकाला जल गंगा रूप मेल
भूत भावन सदाशिव के जटा में गई समाय
भगवती मां गंगा अपनी स्वरूप अमृत दिखालय
तीनों देवों की प्रिया है गंगा ममता की सागर
ब्रम्हा विष्णु शिव समाहित गंगा जी के अन्दर
कविता =} #ब्रम्हा विष्णु शिव समाहित गंगा जी के अन्दर
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