भक्ति शक्ति क्रान्ति गीत, हंसी की जोग सुनता वो, Hansi Kee Jog Sunata Vo, Writer Halendra Prasad,
गीत =} #हंसी की जोग सुनता वो
Geet= #Hansi Kee Jog Sunata Vo
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️❤️❤️
जग सुंदर है सुंदर सुंदर सबकी बोल घृणा करे जो गंदा से
तो मन गंदी है उसकी भाई जो घृणा करे खुश हो
अन्दर बाहर फैली है नरक जहन्नुम जीवन दुखद बनाता है
आस लगाने वाला मानव खाए बिना सो जाता है
गुजर गया जो पिछे भाई मुड़कर कबी ना देखे वो
रोज सवेरे राह बुहारे जीवन सफल बनाये वो
मिटा देता वो नर्क जगह को स्वर्ग जगह बनाता वो
आलस माद करता है वो तो दिव्य भौतिक को पाता वो
दुर्दस्थ परलोक में स्वर्ग कही हो पा कर सफल हो जाता वो
ऐसा कहना अजीब है भाई हंसी की जोग सुनता वो
आचार विचार व्यवहार जिसकी हो गंदी भाई
भय डरके कारण वो काम बुरा नहीं कर पाता वो
स्वभाववस वो गंदा कर देता है उस जगह को
किस न किस रूप में अपना रूप दिखाता वो
कुछ न कुछ कर देता है हाथ पैर नहीं धोता है
माफी मांगे मन ही मन वो अशुद्ध जगह कर देता है
शुद्ध स्वभाव ना मन में उसका सोच चिन्ह दिखलाता है
डाल देता मलीनता के चिन्ह जगह गन्दा कर देता है
रूप अजब है मानव का स्वभाव बदल नही पता
चांदी जैसे चमके खातिर मन के भाव दिखाता
जीवन का वो मूल ना जाने पल पल कुछ न कुछ कर देता है
लोभ परलोभ में दौड़ा दौड़ी करता कुछ न कुछ खो देता है
साहस हीन मानव का अंकन ऐसा होता रहता भाई
समय स्मरण के पट पे ना होता है काश अपना ना करता भाई
महान उद्देश्य को लेकर चलना लज्जा की कोई बात नहीं
कठिनाइयों के साथ चले जो उसके सर पे कोई हाथ नहीं
डर भय के कारण से रुकना पीछे हट कर मुड़ जाना
लज्जा शर्म से सर झुकाना कायर बनके जीते रहना
सच का पलड़ा भरी होता साथ नहीं कोई चलता
संघर्ष जीवन को मान कर वो राह में आगे बढ़ते जाता
तप तपस्या वो ना भाई जो थाली पेट उड़ता जाता
खाना खा कर सो जाता जो झूठा बाण चलाता आता
ऊंच लक्ष्य को पाने वाला कर्मो के परिवेश रहे
बल साहस शक्ति समर्थ से सहज ध्यान की तप करे
फल प्रतिफल को देखा जाता नाम जहन में ले कर आता
उपयोग करते मतलब से अपने यही काम तो देखा जाता
सुस्त निकम्मा आलसी पागल मौत दिन का पूरा करते
यार देखो दुसरो की साहस पुरषार्थ के बल पर जिया करते
चम चम मन चमके अब उनकी आगे बढ़ते जाते तेज
तूफान के जैसा ऊंचे उठते है वो रंग बिरंगी खिलते देव
जो समझे प्रतिभा परिष्कार की उपयोगिता
वो समझे अब आवश्यकता की उपयोगिता
सूझ बुझ से कम करे वो वो समझे जीवन का उपयोगिता
सहमत रहमत किया करे वो कैसा जीवन जिया करे वो
दिन गुजरते जाने तक संतुष्ट कभी ना रहा करे वो
आदर्शो के परिपालन में तत्परता बरताने को तैयार है वो
कटिबद्ध संकल्प शक्ति समग्र उपयोग करेगा वो
अब तैयार है वो
उपयोग करेगा वो तो अब तैयार है वो
मन सच्चा है तन सच्चा है सच्ची उनकी राहें
याद रखे कर्मो को अपने रूखी सूखी खाना खाए
मोल समझे जीवन का वो जीवन सुखद बनाता है
हाथ जोड़ कर पूजा करे सब सबको राह बताता है
गीत =} #हंसी की जोग सुनता वो
Geet= #Hansi Kee Jog Sunata Vo
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
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