हिन्दी भजन, कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार, Hindi Bhakti Geet,Koi Nahi Hai Jag Men Mera Toohi Gatee Hamar,
गीत =} #कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
Geet=} #Koi Nahi Hai Jag Men Mera Toohi Gatee Hamar
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏
🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏
#MereGeet- ❤️❤️❤️👮♂️ #मेरेगीत- ♥️❤️❤️
दिन हीन दुःख दारिद जो घेरा जीवन जोग बताता मां
ईद्या-विद्या वृति स्त्री अब अपनी रूप दिखाता मां
अपनी रूप दिखाता मां
क्या बोलूं अब क्या करू मैं
क्या बोलूं अब क्या करू मैं कोई नहीं सुन पाता है
टूट पड़ा दौलत पे जीवन पीड़ा अधम का पाता है
टूट पड़ा दौलत पे जीवन पीड़ा अधम का पाता है
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
भवसागर में पड़ा हूं मैं बहुत दुखों से डरा हूं मैं
कामी लोभी मतवाला हूं जगत बन्धन में बंधा हूं मैं
कामी लोभी मतवाला हूं जगत बन्धन में बंधा हूं मैं
दान देना नही जानू मैं ध्यानमर्ग मुझे पता नहीं है
तंत्र मंत्र का ज्ञान नहीं है पूजा पाठ का नाम नही है
कोरे कागज की टुकड़ा हूं मैं
कोरे कागज की टुकड़ा हूं मैं भूखड़ो की मुखड़ा हूं मैं
नाम मेरा है लोभी कपटी दुनिया का दुखड़ा हूं मैं
नाम मेरा है लोभी कपटी दुनिया का दुखड़ा हूं मैं
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही माई हमार
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
पुण्य जानू ना तीर्थ जानू मैं मोक्ष पता ना लय पता
ज्ञात नही है भक्ति व्रत का चरणों का तेरी नाम पता
कुकर्मी मैं बुरी संगत में रहनेवाला दुर्रबुद्धि दुष्टदास कुलोचित
सदाचारसे हीन, दुराचारपरायण कुत्सित दृष्टि रखनेवाला
कुत्सित दृष्टि रखनेवाला
सदा दुर्ववचन को बोलने वाला
मैं ना जानू ब्रम्हा विष्णु शिव चंद्रमा सूर्य को भाऊ
तूही मेरी मात भवानी शरण तेरी जीवन की बानी
दर दर ठोकर खाता हूं कुछ नहीं कह पाता हूं
कैसे तुझे बताऊं मैं हनुमान नहीं बन पता हू
कैसे तुझे बताऊं मैं हनुमान नहीं बन पता हू
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही माई हमार
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
हे शरण्ये ब्रह्मचारिणी माता कालरात्रि महागौरी दाता
वाद विवाद विषाद प्रमाद जल थल अनल पर्वत पावक से
करो रक्षा मां शत्रु वन ढोंगी से
तूही मेरी है मित रे माई तूही मेरी है गीत रे माई
तूही मेरी है मित रे माई तूही मेरी है गीत रे माई
मै अनाथ दरीदर जीर्ण जरा दुर्बल दिन गूंगा व्याकुल
रोगी दुखी कमजोर निर्बल जीर्ण शीर्ण तन का बल
याद करु मैं तुझको माता दिन दुखी मेरा भाग्य विधाता
तूही मेरी जीवन दाता तूही मेरी प्राण के दाता
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
कोई नही है जग में मेरा तूही माई हमार
हे मात भवानी दुर्गा काली सुनलो मेरी पुकार
कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
गीत =} #कोई नही है जग में मेरा तूही गति हमार
Geet=} #Koi Nahi Hai Jag Men Mera Toohi Gatee Hamar
Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF
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