भक्ति शक्ति गीत, प्रातःकाल जागो तुम भाई, Bhakti Shakti Geet, PratahKaal Jago Tum Bhai,

               

गीत =} #प्रातःकाल जागो तुम भाई

         Geet=} #PratahKaal Jago Tum Bhai

        Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF 

    BLOGGER=} 🙏♥️ #मेरी_आशिक़ी_मेरी_माँ ♥️🙏

         🙏❤️ #Meri_Ashiki_Meri_Maa❤️🙏

      #MereGeet- ❤️❤️❤️👮‍♂️ #मेरेगीत- ♥️❤️❤️

        प्रातःकाल जागो तुम भाई नित्य कर्म से निवृत्त होकर

        मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

                        पालथी मरकर बैठजाओ

           दोनों हाथ घुटनों पर रखो मेरुदंड को सीधा रखो

        बन्द करलो अब आंखो को ध्यान करो कुछ बातों को

          तेज शक्ति है अम्बर में प्राणशक्ति को भारलो तन में

          गर्म भाप से सूर्य प्रकाश में चमके शकल के प्राण में

 उफान मारे अब चारों तरफ शान्त चित प्रसन्न मुद्रा का ध्यान करो 

 उफान मारे अब चारों तरफ शान्त चित प्रसन्न मुद्रा का ध्यान करो

        प्रातःकाल जागो तुम भाई नित्य कर्म से निवृत्त होकर

        मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

       मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

                        पालथी मरकर बैठजाओ


           नाक के दोनो छिद्रों से धीरे धीरे तुम सांस खींचो 

         आरंभ करो विचार करो प्राण शक्ति को ध्यान करो

         उफन रहा है जो शक्ति साँस से भीतर खीच लाओ

           जैसे पक्षी घोंसले में साँप घुसे बिल खोड़रे में

                        साँप घुसे बिल खोड़रे में

     बिखरा है सब प्राण प्रवाह खीच लाओ तुम तन के अंदर

मस्तिष्क छाती ह्रदय पेट और आंतो में प्रवेश करो सारे अंगों में

     जब सांस पूरी खीच जाय तो भीतर रोक रखो कुछ पल

  प्राणतत्व जो खींचा तुमने भाव करो अंग प्रतिंग में सोख रहा है

                          अंग प्रतिंग में सोख रहा है

        प्रातःकाल जागो तुम भाई नित्य कर्म से निवृत्त होकर

        मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

       मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

                        पालथी मरकर बैठजाओ


      जैसे मिट्टी पानी को सोखे वैसे तन प्राण को सोखता है

       तेज बल उत्साह साहस धैर्य पराक्रम स्थिर करता है

         सांस रोको तुम अंदर में सांस छोड़ो तुम बाहर में

 ध्यान करो अब प्राण वायुको निकम्मे वायु को छोड़ भगाओ

                     निकम्मे वायु को छोड़ भगाओ 

     जैसे मखन निकाल लिया है निस्सार दूध को हटा दिया है

      तन मन से विकार हटाओ काले धुएं को बाहर बुलाओ

    सांस बाहर निकल जाए तो कुछ देर सांस को बाहर रोको

  याद करो निकल गया है दोष दुर्गुण दिल दरवाजे लौक लगाओ

                      दिल दरवाजे लौक लगाओ

         प्रातःकाल जागो तुम भाई नित्य कर्म से निवृत्त होकर

        मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

        मूंह करो तुम पूर्व दिशा को पालथी मरकर बैठजाओ

                        पालथी मरकर बैठजाओ

                गीत =} #प्रातःकाल जागो तुम भाई

         Geet=} #PratahKaal Jago Tum Bhai

        Writer ✍️ #Halendra Prasad #CISF 

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टिप्पणियाँ

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