प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेमी महाननायक बाबू वीर कुंवर सिंह पर एक छोटी सी कविता,

 

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                  #Halendra Prasad #CISF 

              विजय_उत्सव_की_हार्दिक_शुभकामनाएं

            अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                        दीवाना था मर्दाना था

         आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था

        प्रथम भारतीय स्वतंत्र संग्राम के प्रेमी वीर सिपाही 

                  बाबू वीर कुंवर ललकारा था

     अंग्रेजों को धूल चटा कर महानायक कहलाया था

         अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                      दीवाना था मर्दाना था

       आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था


     क्षत्रि कुल में जन्म लिए थे बाबू साहबजादा के बेटा थे

प्रसिद्ध परमार राजपूत के शासक राजा भोज साहब के वंशज थे

           मां की ममता पंचरत्न रत्नों से खूब सवारी थी

        सन सतहतर में जन्म दे कर अंग्रेजों को ललकारी थी

            अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                         दीवाना था मर्दाना था

        आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था


         सन सत्तावन भोजपुर आरा की एक कहानी थी

      हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई मिल कर कदम बढ़ाई थी

                        मंगल पांडे की बाहादुरी 

     मंगल पांडे की बाहादुरी सारे जग में हड़कंप मचाई थी

   बिहार रेजीमेंट के वीर सिपाही आजादी की आग लगाई थी

            अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                         दीवाना था मर्दाना था

       आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था


        बाबू वीर कुंवर सिंह ने मैकू सेनापति को बुलाया था

       भारत के वीर सैनिक का नेतृत्व कर धूम मचाया था

   हड़ हड़ गड़ गड़ बिजली चमकी अंग्रेजी हुकूम घबराई थी

         आ बाबू वीर कुंवर सिंह की चली कनवाई थी

           अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                        दीवाना था मर्दाना था

       आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था


       सर झुका कर नमन करता हुं मैं वीर बहादुर बाबू का

           थर थर दिगाज डोले अंग्रेजो की शासन का

          देख विरो की वीरता ब्रिटिश साम्राज्य घबराई

   आन बान से लड़ा लड़ाई राजपूत वीर कुंवर की अगुवाई

           अस्सी बरस उमर में जगा जोश पुराना था

                         दीवाना था मर्दाना था

       आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था

       आ बाबू वीर कुंवर सिंह का भी एक जमाना था

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